(i) उच्चतापधातुकर्म (Pyrometallurgy) – धातु ऑक्साइड को अपचायक के साथ तीव्र गर्म करके धातु में परिवर्तन की प्रक्रिया को उच्च ताप धातुकर्म (Pyrometallurgy) कहते हैं। उदाहरणार्थ- आयरन, कॉपर ऑक्साइडों का अपचयन वात्या भट्टी में उच्च ताप पर किया जाता है।

(ii) विद्युत्धातुकर्म (Electrometallurgy) – अधिक क्रियाशील धातुओं के गलित लवण का विद्युत् अपघटन द्वारा अपचयन की प्रक्रिया विद्युत् धातुकर्म (Electrometallurgy) कहलाती है। उदाहरणार्थ-Na, Mg, Al आदि को विद्युत् धातुकर्म से प्राप्त किया जाता है।
(iii) जलधातुकर्म (Hydrometallurgy) – इसमें किसी अशुद्ध धातु अयस्क को धातु के विलेय संकुल में परिवर्तित कराते हैं। प्रबल अपचायक धातु से विस्थापन द्वारा शुद्ध प्राप्त करने की प्रक्रिया जल धातुकर्म (Hydrometallurgy) कहलाती है। इस विधि से Ag तथा Au धातुओं का निष्कर्षण किया जाता है।