प्रथम पद में प्यार दुलार भरे कोमल मधुर स्वर में सोए हुए बालक को यह कहते हुए जगाया जा रहा है कि ब्रजराज कृष्ण उठो, सुबह हो गई है। प्रकृति के अनेक दृष्टांतों तथा गाय बछड़ों के क्रिया कलापों का वर्णन कर माता यशोदा उन्हें बहुत प्यार से उठने के लिए कह रही है। बालक कृष्ण को जगाने के लिए माँ यशोदा सुबह होने के बहुत से प्रमाण देती है। वह बहुत ही दुलार से उसे कहती है, हे ब्रजराज कुँवर अर्थात् ब्रज के छोटे राजकुमार जाग जाओ, उठ जाओ। उठकर देखो कितने सुन्दर कमल के फूल खिल गए हैं । चारों ओर भँवरे मँडरा रहे हैं और मुर्गा बाँग दे रहा है। हर तरफ पक्षियों की चहचहाहट फैली है। पेड़-पौधे पर बैठे पक्षियों का मधुर संगीत गुंज रहा है । गायें भी बाड़ों में जाने के लिए रंभा रही है, वे अपने बछड़ों सहित जाना चाहती है। सूर्य का प्रकाश चारों ओर फैल गया है, इसलिए उठ जाओ।