निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।
गंगा भारत की अत्यंत पवित्र नदी है, जिसका जल काफी दिनों तक रखने के बावजूद अशुद्ध नहीं होता, जबकि साधारण जल कुछ दिनों में ही सड़ जाता है। गंगा का उद्गम स्थल गंगोत्री या गोमुख है। गोमुख से भागीरथी। निकलती है और देवप्रयाग नामक स्थल पर अलकनंदा नदी से मिलकर आगे गंगा के रूप में प्रवाहित होती है। भागीरथी से देवप्रयाग तक आते-आते इसमें कुछ चट्टानें घुल जाती हैं, जिससे इसके जल में ऐसी क्षमता पैदा हो जाती है जो उसके पानी को सड़ने नहीं देती। प्रत्येक नदी के जल में कुछ खास तरह के पदार्थ घुले रहते हैं, जो उसके विशिष्ट जैविक संरचना के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये घुले हुए पदार्थ पानी में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया को पनपने देते हैं कुछ को नहीं। कुछ खास तरह के बैक्टीरिया ही पानी में सड़न के लिए उत्तरदायी होते हैं तो कुछ पानी में सड़न को रोकने के लिए सहायक होते हैं। वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि गंगा के पानी में भी ऐसे बैक्टीरिया हैं जो पानी में सड़न पैदा करने वाले कीटाणुओं को पनपने ही नहीं देते। इसलिए गंगा का पनी काफी लम्बे समय तक खराब नहीं होता और पवित्र माना जाता है।
(i) गंगा के जल और रसाधारण पानी में क्या अंतर है ?
(ii) गंगा के उद्गम स्थल को किस नाम से जाना जाता है ?
(iii) भागीरथी से देवप्रयाग तक का सफर गंगा के लिए किस तरह लाभदायी सिद्ध होता है ?
(iv) बैक्टीरिया ही पानी में सड़न पैदा करते हैं और बैक्टीरिया ही पानी की सड़न रोकते हैं, कैसे ?
(v) गंगा का पानी पवित्र क्यों माना जाता है ?