कुछ जातियों ने स्थान प्रवासन अथवा समय (शीत निष्क्रियता और उपरति हाइबनेंशन और डायपाज) में प्रतिकूल परिस्थितियों से बचने के लिए अनुकूलन विकसित कर लिए हैं।
शीत ऋतु में भालुओं का शीतनिष्क्रियता में जाना तथा उस समय पलायन से बचाव करने का जाना पहचाना मामला है।
प्रतिकूल परिस्थिति में झीलें और तालाबों में प्रणिप्लवक (जुप्लॅकटन) की अनेक जातियाँ उपरति (डायपाज) में आ जाती हैं जो निलबित परिवर्धन की एक अवस्था है।