अभिकथन (A): आपतित विकिरणों की दी गयी आवृत्ति और त्वरक विभव के लिए प्रकाश-विद्युत धारा के मान में आपतित विकिरणों की तीव्रता में वृद्धि के साथ वृद्धि होती है।
कारण (R): आपतित विकिरणों की तीव्रता में वृद्धि के फलस्वरूप प्रति सेकण्ड उत्सर्जित होने वाले प्रकाशिक-इलेक्ट्रॉनों की संख्या में वृद्धि होती है और इस प्रकार प्रकाश-विद्युत धारा में वृद्धि हो जाती है।
(A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परन्तु कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(C) अभिकथन (A) सही है, परन्तु कारण (R) गलत है।
(D) अभिकथन (A) गलत है तथा कारण (R) भी गलत है।