प चेतना रोकती थी, पर उपचेतना ठेलती थी। सेवक स्वामी पर हावी था। आधी राह निकल जाने के बाद सहसा भगत रुक गया हिंसा ने क्रिया पर विजय पायी-'मैं यों ही इतनी दूर चला आया इस जाड़े पाले में मरने की मुझे क्या पड़ी थी आराम से सोया क्य नहीं नींद न आती, न सही, दो-चार भजन ही गाता। व्यर्थ इतनी दूर दौड़ा आया।'
1. उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
II. रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
III. रास्ते में भगत के मन में कौन-सी बातें कौंध रही थीं?
Iv. 'चेतना' व 'उपचेतना' शब्द से क्या तात्पर्य है?