जब कभी जनसंघर्ष या आंदोलन होता है तब राजनीतिक दलों के साथ-साथ दवाव-समूह भी उसमें सम्मिलित हो जाते हैं और वे संघर्षकारी समूह बन जाते हैं। दबाव समूह किसी आंदोलन का समर्थन किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए करते हैं। उद्देश्य की पूर्ति के बाद उनका सत्ता से कोई लेना-देना नहीं होता। दबाव समूह के उदाहरणों में 1974 की संपूर्ण क्रांति, नेपाल में सात राजनीतिक दल, किसान, मजदूर, व्यवसायियों, शिक्षक, अभियंता के समूह, बॉलिविया में फोडेकोर इत्यादि दबाव समूह के उदाहरण हैं।