ऐसे पौधे, जीवाणु, कवक एवं जंतु जिनके जीन में हस्तकौशल द्वारा परिवर्तन किए गए हैं, आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव कहलाते हैं।
रूपांतरित जीव का व्यवहार कई बातों पर निर्भर करता है \(-\)
(i) परपोषी (host) पौधों, जंतुओं या जीवाणुओं की प्रकृति।
(ii) खाद्य जाल (food web)।
(iii) स्थानांतरित जीन की प्रकृति।
आनुवंशिकतः रूपांतरित जीवों में आनुवंशिकतः संशोधित फसलों की विशेष भूमिका होती है। आनुवंशिकतः संशोधित फसल वह फसल है जिसमें ट्रांसजीन होते हैं। ट्रांसजेनिक फसलों की आनुवंशिकतः संशोधित फसल भी कहा जाता है। ट्रांसजेनिक पौधों का उपयोग निम्नांकित प्रकार से है।
(i) रासायनिक कीटनाशकों तथा पीड़कनाशकों (पेस्टीसाइड्स, pesticides) पर निर्भरता कम करना। इसके लिए पीड़कनाशी प्रतिरोधी फसलों का उत्पादन सहायक सिद्ध होगा।
(ii) ऐसी फसल का उत्पादन जिसमें ठंडा, सूखा, लवण, ताप सहन करने की क्षमता हो।
(iii) खाद्य पदार्थों के पोषण स्तर में वृद्धि। उदाहरणार्थ, चावल के दानों में विटामिन A को स्थानांतरित कर, गोल्डेन राइस बनाया गया है। 2005 में विकसित गोल्डेन राइस 2 में original variety से 23 गुना ज्यादा बीटा कैरोटीन उत्पादित करने की क्षमता है।
(iv) पौधों द्वारा खनिज उपयोग क्षमता में वृद्धि। इसके द्वारा मिट्टी की शीघ्र उर्वरता माप्त होने पर रोक लगाई जा सकती है।