औसत मान (Average Value)
प्रत्यावर्ती धारा का परिमाण व दिशा दोनों ही आवर्त रूप से बदलते रहते हैं। एक पूरे चक्र में प्रत्यावर्ती धारा पहले आधे चक्र (first half cycle) में एक दिशा में एवं दूसरे अर्द्ध - चक्र (second half cycle) में विपरीत दिशा में अधिकतम मान को प्राप्त करती है। इस प्रकार एक पूरे चक्र के लिए प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होता है। इसीलिए जब एक चलकुण्डल धारामापी (moving cycle galvinometer) प्रत्यावर्ती धारा के मार्ग में जोड़ते हैं तो उसके संकेतक (pointer) में कोई विक्षेप उत्पन्न नहीं होता है। इसका कारण यह है कि चलकुण्डल धारामापी में उत्पन्न विक्षेप उसमें बहने वाली धारा के अनुक्रमानुपाती होता है।
प्रथम आधे चक्र के लिए धारा का औसत मान - यदि प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान I0 है तो उसका तात्क्षणिक मान-
I = Io sin ωt ..........(1)
आधे चक्र के लिए धारा का औसत मान


चूँकि धारा के चुम्बकीय व रासायनिक प्रभाव धारा के औसत मान पर निर्भर करते हैं और प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान पूरे चक्र के लिए शून्य होता है, अतः प्रत्यावर्ती धारा चुम्बकीय एवं स्थायी रासायनिक प्रभाव (magnetic and stable chemical effect) प्रदर्शित नहीं करती है।