(i) पिघला हुआ सल्फर 119°C पर S8 के रूप में रहता है जो कि एक वलय (ring) संरचना है। ये वलय (rings) एक-दूसरे के ऊपर घूर्णित (roll) रहती हैं। 160°C पर तथा इससे ऊपर गर्म करने पर ये वलय (ring) टूट जाती हैं और सल्फर की श्रृंखलाएँ एक-दूसरे के ऊपर अधिक नजदीक आ जाती हैं। जिसके कारण यह गाढ़ा द्रव (viscous liquid) बन जाता है।
(ii) सल्फर परमाणु का आकार ऑक्सीजन परमाणु की तुलना में अपेक्षाकृत बड़ा होता है जिससे H2S के निर्माण के दौरान H तथा S में अतिव्यापन कम हो जाता है और H - S बन्ध दुर्बल बनता है। जबकि जल में ऑक्सीजन परमाणु का आकार छोटा तथा विद्युत् ऋणात्मकता अधिक होती है अतः अतिव्यापन भी ज्यादा होता है। इस कारण जल में H - 0 बन्ध ज्यादा मजबूत होता है।