अलैंगिक जनन में उत्पन्न जिव लगभग एक दुसरे के सामान होते है तथा उनमें बहुत थोड़ा अन्तर होता है | इस क्रिया में विभिन्नताएँ DNA प्रतिकृति के दौरान ही होती है तथा ये विभिन्नताएँ बहुत कम होती है | भौगोलिक पृथक्करण इनमें जाति उद्र्भव का प्रमुख कारक हो सकता है क्योंकि इसके कारण ही नए वातावरण में जीवित रहने वी जीव अपने अन्दर नए उत्पन्न करते है |