तृतीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल में केन्द्रीय C-परमाणु पर उपस्थित तीन -CH3 समूहों की उपस्थिति के कारण यह आंशिक ऋणावेशित हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप यह O-H के इलेक्ट्रॉन युग्म को हाइड्रोजन परमाणु की ओर धकेलता है, अत: H-परमाणु आसानी से प्रतिस्थापित नहीं होता है।