n-प्रोपिलेमीन में N-परमाणु पर दो हाइड्रोजन परमाणु होते हैं, अत: इसका क्वथनांक अन्तरा – आणविक हाइड्रोजन आबन्धन के कारण अधिक होता है। ट्राइमेथिलेमीन (CH3)2N तृतीयक ऐमीन होने के कारण इसमें N-परमाणु पर H-परमाणु नहीं होते हैं। जिसके परिणामस्वरूप इसमें हाइड्रोजन आबन्धन अनुपस्थित होता है तथा इसका क्वथनांक निम्न होता है।