सूत्र की उपपत्ति- माना एक लेन्स का प्रकाशिक केन्द्र C है। F व F’ इसके फोकस बिन्दु तथा OCI मुख्य अक्ष है। O एक वस्तु है जिसका लेन्स द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब I है। इस प्रकार O तथा I संयुग्मी बिन्दु (conjugate points) हैं। O’ से चलने वाली आपतित किरण O’A जो मुख्य अक्ष के समान्तर है, अपवर्तन के पश्चात् लेन्स के फोकस F से होकर जाती है। दूसरी किरण O’B प्रथम फोकस बिन्दु से गुजरती हुई लेन्स से अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है। दोनों निर्गत किरणें I’ पर मिलती हैं, जो O’ का वास्तविक प्रतिबिम्ब है। I’ से मुख्य अक्ष पर खींचा गया लम्ब II’ वस्तु OO’ का प्रतिबिम्ब है।


