The gentleman was kind to the thief. He himself offered him humble meal and gave him gifts and a bag of coins. The thief forgot his evil ways of life. He worked hard and became a rich man. Although he was a rich man, he was never arrogant to the other human beings. He often showed the same kindness which the gentleman had shown to him. So the stranger or thief has extended the lesson of kindness in the present story.
भला आदमी उस चोर के प्रति दयालु था। उसने उसे । अपने हाथों से स्वादिश्ट भोजन कराया और उपहार तथा सिक्कों से भरा एक थैला भी दिया। चोर ने अपने जीवन के बुरे कामों को छोड़ दिया। वह कठोर मेहनत करने लगा और समय के साथ एक धनवान व्यक्ति भी बन गया। जबकि वह एक धनवान व्यक्ति बन गया था कर भी वह अन्य किसी भी व्यक्ति के प्रति घमंडी नहीं हुआ। वह भी उसी प्रकार की दयालुता दूसरों के साथ दिखाता जिस प्रकार की दयालुता उसके साथ उस भले आदमी ने दिखाया था। इस तरह से उस अजनबी व्यक्ति अर्थात चोर ने इस कहानी में दयालुता को आगे भी बढ़ाने का काम किया।