(i) सदिश `vec(A)` तथा `vec(B)` का ग्राफीय निरूपण चित्र 4.17(a) में है इनके परिमाण अर्थात तीर की लम्बाई समान है इनकी दिशा लंबवत है |
`vec(A)+vec(B)` को प्रदर्शित करने के लिए सर्वप्रथम सदिश `vec(A)` खींचते है जिसका पुच्छ O तथ बाणाग्र P है बाणाग्र P से प्रारम्भ करते हुए हम सदिश `vec(B)` खींचते है जिसका बाणाग्र Q है O को Q से मिलाने वाला सदिश `vec(OP)=vec(A)+vec(B)` है [चित्र 4.17(b)]|
अब सदिश `vec(A)` के बाणाग्र P से प्रारम्भ करते हुए सदिश `vec(B)` को उल्टा अर्थात `-vec(B)` खींचते है जिसका बाणाग्र R है O को R से मालाने वाला सदिश `vec(OR)=vec(A)-vec(B)` है [चित्र 4.17(b)] |
(ii) चूँकि A तथा B के परिमाण बराबर है । अतः
`DeltaOPQ` में, `OP=PQ`
`:." "angleOQP=angleQOP=45^(@)" "(becauseangleOPQ="समकोण है")`
इसी प्रकार `DeltaOPR` में,
`OP=PR`
`:." "anglePOR=anglePRO=45^(@)`
अतः `angleQOR=angleQOP+anglePOR`
`=45^(@)+45^(@)=90^(@)`
रेखा `OQbotOR`
`:.(vec(A)+vec(B))` तथा `(vec(A)-vec(B))` परस्पर लंबवत है ।