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निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 200 शब्दों में निबन्ध लिखिए
भारतीय ग्राम्य जीवन

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भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की अधिकाश आबादी गाँवों में रहती है। गाँव के अधिकतर लोग खेती करके अपनी आजीविका चलाते हैं, वे प्रतिदिन प्रातःकाल जल्दी उठकर खेतों में चले जाते हैं और अंधेरा होने तक दिन भर कड़ी धूप, सदी या वर्षा की परवाह किये बिना कड़ी मेहनत करते हैं ।
ग्रामीण जीवन में मनोरंजन के अनुपम व अनुठे साधन उपलब्ध है। लौग तरह -तरह से अपना व दूसरों का मनोरंजन करते हैं। दिन में कार्य करने के पश्चात् सायंकाल को लोग चौपाल अथवा किसी प्रांगण आदि पर एकत्र होते हैं और तरह-तरह की बातों से अपना मन बहलाते हैं। कुछ लोग धार्मिक कथाओं जैसे श्रीराम तथा श्रीकृष्ण आदि के जीवन-चरित्र पर चर्चा करते हैं । प्राय: लोग मंडलो बनाकर ढोल मेंजीरे आदि वाद्य यन्त्री के साथ बठका संगीत व नृत्य का आनन्द उठाते हैं। गायन में लोकगीत व भजन आदि सुनने को मिलते हैं विभिन्न त्योहारों का पूर्ण औनन्द वे उलनास प्राम्य जीवन में भरपूर देखने को मिलता है। देशहरा, दाबाला तथा होली आदि त्योहार ग्रामवासी परस्पर मिले-जुलकर व बड़ ही पारम्परिक ढंग से मनाते हैं। ग्रामीण मेले का दृश्य तो अपने आप में अनूटा होता है। भारतीय संस्कृति का मूल रूप इन्हां मेलों और गाँव के जीवन में पूर्ण रूप से देखा जा सकता है।
ग्रामीण जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप निरक्षरता है अनपढ़ होने के कारण वे चालाक लोगों के कहने में आसानी से आ जाते हैं और अपना नुकसान कर बैठते हैं। वे रूढ़ियों के शिकार बनते हैं। उनके अन्धचिश्चास का लाभ अनेक ओझा, सयाने और पण्डित उठाते हैं। उनमें बाल-विवाह की प्रथा व्यापक रूप से फैली हुई है, जिसके कारण अनेक सामाजिक बुराइयाँ पैदा होती हैं।
ग्रामीणों के बीच विवाह, जन्म, मृत्यु जैसे सामाजिक अवसरों पर अपनी सामर्थ्य से बढ़कर खर्च करने की कुप्रथा है, जिस कारण वे करज के बोझ से दबे रहते हैं। भूमि सम्बन्धी झगड़ों में लम्बी मुकदमेवाजी चलती है, जिसमें उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा व्यर्थ में बरबाद हो जाता है। बहुत-से ग्रामीण शराब, गांजा, भांग, चरस जैसे नशीले पदार्थों के शिकार हो जाते हैं। वे अपने रीति-रिवाजों और परम्पराओं पर जान छिड़कते हैं। उनमें जात-पात का विचार कूट-कूटकर भरा हुआ होता है। समग्र रूप में ग्रामीण बड़े सज्जन होते हैं। उनमें शिक्षा का प्रसार करके उनको सभी बुराइयाँ आसानी से दूर की जा सकती हैं और ऐसा होने पर ग्रामीण जीवन स्वर्ग के समान बन जायेगा

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