जब जलीय KCN विलयन को जलीय कॉपर सल्फेट के विलयन में मिलाया जाता है तो निम्न प्रकार से `[Cu(CN)_(4)]^(2-)` उप-सहसंयोजन स्पीशीज प्राप्त होती है -
`underset(" में उप-सहसंयोजक स्पीशीज )")underset("( जलीय कॉपर सल्फेट विलयन")([Cu(H_(2)O)_(4)]^(2+))+4CN^(-) to[Cu(CN)_(4)]^(2-)+4H_(2)O`
इस प्रकार बनी उप-सहसंयोजन स्पीशीज `[Cu(CN)_(4)]^(2-)` अत्यधिक स्थिर होती है क्योंकि `CN^(-)` प्रबल लीगैंड होते हैं। इसलिए इस विलयन में `H_(2 )S ` गैस प्रवाहित करने पर CuS का अवक्षेप प्राप्त नहीं होता है क्योंकि मुक्त `Cu^(2+)` आयन उपलब्ध नहीं होते है।