चित्र में प्रश्न में दी गई परिस्थिति दिखाई गई हैं । वस्तु O से चलनेवाली किरणें लेंस की पहली सतह से अपवर्तित होकर लेंस में घुसती हैं । ये अपवर्तित किरणें लेंस की दूसरी सतह पर पड़ती हैं और वहाँ से परावर्तित हो जाती हैं तथा पुनः लेंस की पहली सतह से अपवर्तित होकर हवा में निकलती हैं । यदि अंतिम प्रतिबिंब O पर ही बनना हो , तो परावर्तन के बाद किरणों को अपने पुराने पथ पर ही वापस लौट जाना होगा । अर्थात् , दूसरी सतह पर इन किरणों को लंबवत पड़ना होगा । इसलिए प्रथम सतह से अपवर्तित किरणें पीछे बढ़ने पर दूसरी सतह के वक्रता - केंद्र `C_(2)` पर कटेगी ।
प्रथम अपवर्तन के लिए ,
`v = - PC_(2) = -25 cm , R = PC_(1) = +25` cm,
`n_(1) = 1 , n_(2) = 1.5`
अपवर्तन के समीकरण से ,
` (n_(2))/(v) - (n_(1))/(u) = (n_(2) - n_(1))/(R)`
या `(1.5 ) /(-25 cm) - (1)/(u) = (1.5 -1)/(25 cm ) `
या u = -12.5 cm.
वस्तु को लेंस से 12.5 cm की दूरी पर रखना होगा ।