Correct Answer - Option 3 : अयादि
शब्द - नायकः
संधिविच्छेद - नै + एकः
सूत्र - एचोऽयवायावः
स्पष्टीकरण - 'एचोऽयवायावः' सूत्र के अनुसार अगर किसी स्वर के पहले 'एच्' (ए, ओ, ऐ, औ) आए तो सन्धि में उनके स्थान पर क्रमशः अय्, अव्, आय्, आव् होता है।
नियम -
- ए + स्वर = अय्,
- ओ + स्वर = अव्,
- ऐ + स्वर = आय्,
- औ + स्वर = आव्
उदाहरण -
- बालौ + इति = बाल् आव् + इति = बालाविति
- मते + इति = मत् अय् + इति = मतयिति
- नै + अकः = न् आय् + अक = नायक
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दीर्घ सन्धि - 'अकः सवर्णे दीर्घः' सूत्र के अनुसार दो सवर्ण ह्रस्व दीर्घ स्वरों के संयोग से दीर्घ स्वर प्राप्त होता है। जैसे- पुस्तक + आलय = पुस्तकालय।
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गुण सन्धि - ‘अदेङ् गुणः’ अर्थात् आत् (अ,आ) से परे इ, ई, उ, ऊ, ऋ हो तो दोनों के स्थान पर ‘गुण सन्धि’ होता है अर्थात् ए, ओ तथा अर् आदेश हो जाता है। जैसे - गण + ईशः = गणेशः।
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वृद्धि सन्धि - ‘वृद्धिरेचि’ अर्थात् आत् (अ,आ) से परे एच् (ए,ऐ,ओ,औ) हो तो वहाँ ‘वृद्धि सन्धि’ होता है। जैसे - जल + ओघः = जलौघः।
सन्धि - दो शब्दों के संयोग से होने वाले परिवर्तन को सन्धि कहते हैं। जैसे-
- विद्या + आलय = विद्यालय।
- रमा + ईश = रमेश
- न + एकः = नैकः
- सम्यक् + ज्ञानम् = सम्यग्ज्ञानम्
सन्धि के प्रकार -
सन्धि
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परिभाषा
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उदाहरण
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स्वरसन्धि
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स्वर वर्ण का संयोग स्वर वर्ण से होने पर जो विकार उत्पन्न होता है।
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विद्या + आलय = विद्यालय
महा + औषधि = महौषधि
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व्यंजनसन्धि
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व्यंजन वर्ण का संयोग व्यंजन या स्वर वर्ण से होने पर जो विकार उत्पन्न होता है।
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उत् + लास = उल्लास
तत् + लय = तल्लयः
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विसर्गसन्धि
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विसर्ग का सन्योग स्वर या व्यंजन वर्ण से होने पर जो विकार उत्पन्न होता है।
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दुः + आत्मा = दुरात्मा
मनः + रथः = मनोरथः
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