Correct Answer - Option 2 : अहं फलानि खादामि।
प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - "मया फलानि खाद्यन्ते" वाक्य का वाच्य परिवर्तन करो -
वाच्य - किसी वाक्य के वाच्य से ज्ञात होता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव प्रधान है। संस्कृत में तीन वाच्य होते हैं-
१. कर्तृवाच्य २. कर्मवाच्य ३. भाववाच्य
वाच्य
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विशेष
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उदाहरण
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कर्तृवाच्य
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प्रधान- कर्ता
कर्ता- प्रथमा में
कर्म- द्वितीया में
क्रियापद- कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)
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अहं विद्यालयं गच्छामि।
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कर्मवाच्य
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प्रधान- कर्म
कर्ता- तृतीया में
कर्म- प्रथमा में
क्रियापद- कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)
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तेन ग्रन्थः पठ्यते।
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भाववाच्य
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प्रधान- भाव
कर्ता- तृतीया में
कर्म- नहीं होता
क्रियापद- कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.), नित्य प्र.पु. ए.व
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बालकेन क्रीडयते।
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"मया फलानि खाद्यन्ते"इस वाक्य में 'मया' कर्ता, ‘फलानि’ कर्म है और क्रिया के अनुसार है, इसलिए यह वाक्य कर्मवाच्य है।
वाच्यपरिवर्तन-
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कर्तृवाच्य
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कर्मवाच्य
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कर्ता
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अहं (प्रथमा)
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मया(तृतीया)
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कर्म
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फलानि (द्वितीया)
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फलानि(प्रथमा)
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क्रिया
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खादामि। [कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)]
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खाद्यन्ते। [कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)]
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इससे यह स्पष्ट होता है कि "मया फलानि खाद्यन्ते" इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन ‘अहं फलानि खादामि।’ होगा।