विलसा,
दि. x x x x x
प्रिय मित्र साई,
मैं यहाँ. कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल विजयवाडा में एक बड़ी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।
इस प्रदर्शिनी में सैकड़ों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी ‘जैन्टवील’ है। हवाई जहाज़, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बडे आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं।
परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी मैं ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
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पता:
यस.यस.साई,
आठवीं कक्षा,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
अमलापुरम, पू.गो. ज़िला।