एक तनी हुई डोरी अप्रगामी तरंग `y = A_(0) sin kx cos omegat` के अनुसार कम्पन कर रही है बिंदु A एक निस्पंद हैं , B अगला प्रस्पंद है और C इन दोनों के बीच का बिंदु है । A बिंदु से पहले की दूरी इसके आगे की डोरी पर t से `t + dt` समय के बीच `dW_(2)` कार्य करती है । इसी प्रकार `dW_(B)` तथा `dW_(C)` परिभाषित किए गए है ।
A. `dW_(A)` हमेशा शून्य रहेगा ।
B. `dW_(B)` हमेशा शून्य रहेगा ।
C. `dW_(C)` हमेशा शून्य रहेगा ।
D. इनमें से कोई कभी भी शून्य नहीं होगा ।