भूमिगत जल की निक्षेपण क्रिया द्वारा निर्मित दो स्थलरूप निम्नलिखित हैं
1. आश्चुताश्म-भूमिगत जल द्वारा निर्मित कन्दराओं के जल में वर्षाजल के कारण कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस मिली होने से कार्बोनिक अम्ल तैयार हो जाता है। यह अम्ल चूने की चट्टानों पर रासायनिक क्रिया करता है। इस प्रकार खनिजयुक्त जल बूंद-बूंद कर गुफाओं की छत से नीचे टपकता रहता है। छत से लटके चूने के इस स्तम्भ को आश्चुताश्म कहा जाता है।
2. कन्दरा स्तम्भ–कन्दरा की छत से टपकने वाले घोल द्वारा कन्दरा की छत एवं फर्श पर क्रमशः निर्मित आश्चुताश्म एवं निश्चुताश्म के परस्पर मिल जाने से स्तम्भ की रचना होती है, जिसे कन्दरा स्तम्भ या चूने का स्तम्भ (Limestone Pillars) कहा जाता है। कभी-कभी कन्दरा की छत से रिसने वाला पदार्थ कन्दरा के फर्श से जा मिलता है अथवा कन्दरा की छत से टपकने वाला पदार्थ फर्श से ऊपर की ओर बढ़ता हुआ छत से मिल जाता है। अतः इन दोनों अवस्थाओं में कन्दरा स्तम्भ की रचना हो जाती है।