व्यक्तिगत स्वच्छता का हमारे जीवन में बहुपक्षीय महत्त्व है। सर्वप्रथम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता अति आवश्यक है। वास्तव में गन्दगी में विभिन्न रोगों के जीवाणु तेजी से पनपते हैं तथा वे हमें रोगग्रस्त बना देते हैं। अधिकांश चर्म रोग तो मुख्य रूप से व्यक्तिगत स्वच्छता के अभाव में ही पनपते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य के अतिरिक्त मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी व्यक्तिगत स्वच्छता एक अनिवार्य कारक है। व्यक्तिगत स्वच्छता के अभाव में व्यक्ति को समाज में समुचित स्थान प्राप्त नहीं होता तथा वह अलग-थलग पड़ जाता है। ऐसे में वह हीन भावना का शिकार हो जाता है तथा उसका मानसिक स्वास्थ्य सामान्य नहीं रह पाता। बच्चों को समझा-बुझाकर उनमें इसकी आदत डाली जा सकती है।