पीटर एफ. ड्रकर सन् 1909-2005 बहुत ही प्रसिद्ध संचालन शास्त्री के रूप में ख्यातिप्राप्त लेखक, चिंतक तथा शिक्षणविद वैश्वीकरण के कारण सम्पूर्ण विश्व की धन्धाकीय व्यवस्थाओं में परिवर्तन आया था । जिसके कारण से संचालन की नवीन पद्धतियों को विकसित करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई । पीटर एफ. ड्रकर ने मानव सम्पत्ति को धन्धाकीय इकाई में विशेष महत्त्व प्रदान करने के लिए महत्त्वपूर्ण सिफारिश की । पीटर एफ. ड्रकर के मुख्य योगदान में ‘ध्येयलक्षी संचालन’ तथा स्वनियमन का सिद्धान्त मुख्य है । ध्येयलक्षी संचालन के बारे में दर्शाते हैं कि उद्देश्य प्राप्ति के लिए कर्मचारियों और संचालकों के ध्येय में एकसूत्रता होनी चाहिए । अलग-अलग धन्धाकीय स्वरूप ही इकाईयों के लिए ध्येयलक्षी संचालन बहुत ही प्रभावशाली है । उनका योगदान मानव संसाधन संचालन, बाजार संचालन, तनाव संचालन के लिए महत्त्वपूर्ण है । जिससे पीटर एफ. ड्रकर को आधुनिक संचालन के पिता, कहा जाता है ।