बालकों को भी शोषण के सामने रक्षा का अधिकार दिया गया है । आज हमारे आसपास में बच्चों का शोषण होते हुए हमने देखा है । आज हमारा देश ऐसी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है । बालकों की उपेक्षा के कारण बालमजदूरी जैसी गंभीर समस्याएँ खड़ी हो गई है । बालकों की उपेक्षा न होवे तथा बच्चे बालमजदूरी जैसे शोषण का भोग नहीं बने, इसलिए बच्चों की रक्षा (लोगजागृति के आंदोलन द्वारा) का ध्यान रखना चाहिए । सार्वत्रिक, मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा द्वारा हम इस समस्या को हल कर सकते है ।
बालकों की मानसिक और शारीरिक पीडा पहुँचाना बाल अत्याचार है ।। अपने समाज के असुरक्षित वर्ग में हमारे बच्चे है । किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार बच्चों के सर्वांगी विकास पर निर्भर है । इसलिए बच्चों के प्रति विशेष ध्यान देना जरुरी है । बालकों का विकास और उनका कल्याण किसी भी समाज के सर्वांगी विकास की पूर्वशरत है, इसलिए तो हम बच्चों को राष्ट्र की सम्पत्ति कहते हैं । बच्चों का अच्छी तरह लालन-पालन करना, शारीरिक मानसिक और बौद्धिक शक्तियों का विकास करके बच्चों को स्वस्थ जिम्मेदार नागरिक बनाने का हमारा प्रथम फर्ज है ।