नोर्वेस्टर:
उत्तर और उ.पू. भारत के ऊपर हवा का हलका दबाव पूर्व में बिहार तक फैला होता है, जिसके कारण झारखंड और उत्तर ओडिशा के पठारी प्रदेशीय क्षेत्र कभी-कभी अत्यंत गर्म हो जाते हैं, तब उसे नोर्वेस्टर कहते हैं । उसका स्थानीय नाम कालवैशाखी है । इन पवनों से उत्पन्न होनेवाले तूफान पूर्वी भारत में बहुत नुकसान पहुंचाते हैं ।
‘लू’ :
पश्चिम और उ.पू. भारत के शुष्क भूभागों में धूलभरे तूफान अति सामान्य हैं । गर्मी में विशेष करके मई महीने में उत्तरी भारत में अति गर्म पवन चलते हैं, जो ‘लू’ कहे जाते हैं । उसकी अतिशय गरमी से मनुष्य और पशु-पक्षियों की मृत्यु हो जाती है ।