मानसून पवनों की उत्पत्ति तथा दिशा परिवर्तन का मूल कारण है-स्थल तथा जल पर विपरीत वायुदाब क्षेत्रों का विकसित होना। ऐसा वायु के तापमान के कारण होता है। हम जानते हैं कि स्थल और जल असमान रूप से गर्म होते हैं। ग्रीष्म ऋतु में समुद्र की अपेक्षा स्थल भाग अधिक गर्म हो जाता है। परिणामस्वरूप स्थल भाग के आन्तरिक क्षेत्रों में निम्न वायुदाब का क्षेत्र विकसित हो जाता है जबकि समुद्री क्षेत्रों में उच्च वायुदाब का क्षेत्र होता है। शीत ऋतु में स्थिति इसके विपरीत होती है। मानसून पवनों की उत्पत्ति तथा दिशा परिवर्तन का मूल कारण यही है।