राजनीतिक समता से अभिप्राय यह है कि सभी लोकतान्त्रिक अधिकार कुछ व्यक्तियों तक ही सीमित रहने की बजाय सभी को समान रूप से उपलब्ध होने चाहिएं। इस सिद्धान्त के अनुसार हम नागरिकों को प्रथम तथा द्वितीय श्रेणी में नहीं बांट सकते। अर्थात् ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ व्यक्ति अधिकारयुक्त हों और कुछ अधिकारहीन हों। अतः स्पष्ट है कि राजनीतिक समता का यह अर्थ है कि सभी नागरिक कानून की दृष्टि में समान हैं और वे अपनी योग्यता के आधार पर उच्च से उच्च पद पर पहुंच सकते हैं। धर्म, जाति, रंग और लिंग-भेद को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होती।