लोकतन्त्र दो प्रकार का हो सकता है-
- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र
- अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र।
1. प्रत्यक्ष लोकतन्त्र– प्रत्यक्ष लोकतन्त्र वह शासन है जिसमें सभी नागरिक प्रत्यक्ष रूप से शासन के कार्यों में भाग लेते हैं। प्रत्येक नागरिक कानून बनाने, बजट बनाने, नया टैक्स लगाने, सार्वजनिक नीतियों आदि का निर्धारण करने में भाग लेते हैं। यहां तक कि जनता उन प्रतिनिधियों को भी पदमुक्त कर सकती है जो ठीक रूप से कार्य नहीं करते।
2. अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र- अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र में जनता प्रत्यक्ष रूप से शासन कार्यों में भाग नहीं लेती अपितु वह कुछ प्रतिनिधि चुनती है। ये निर्वाचित प्रतिनिधि जनता की ओर से शासन-कार्य को चलाते हैं।