भारत में जनसंख्या घनत्व की भिन्नता के आधार पर निम्नलिखित 3 प्रदेशों में विभक्त किया जा सकता है –
1. उच्च जनघनत्व के क्षेत्र: भारत में उच्च जनघनत्व वाले क्षेत्रों में 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक जनघनत्व रखने वाले क्षेत्रों को सम्मिलित किया जाता है। भारत में उच्च जनघनत्व रखने वाले राज्यों में निम्नलिखित राज्य सम्मिलित हैंबिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु व पंजाब भारत के उक्त राज्य कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था तथा ग्रामीण बहुल क्षेत्र हैं जहाँ समतल उपजाऊ मैदान, जलोढ़ मिट्टी, सिंचाई तथा पेयजल की उपलब्धता मिलती है जिसके कारण इन राज्यों में उच्च जनसंख्या घनत्व मिलता है।
2. मध्यम जनघनत्व के क्षेत्र: इस वर्ग में सम्मिलित भारत के राज्यों में जनघनत्व 300 से 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मिलता है। सन् 2011 में असम (397), महाराष्ट्र (365), झारखण्ड (414), गुजरात (308), आन्ध्र प्रदेश (308) तथा कर्नाटक (319) राज्यों के एक बड़े भाग प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे। भारत में महाराष्ट्र तथा गुजरात के अधिकांश भाग झारखण्ड में छोटा नागपुर पठार, तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश के तटीय भाग मध्यम जनघनत्व रखने वाले प्रमुख क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में धरातल की विषमता तथा सिंचाई के लिए जल की कमी के कारण कृषि अधिक विकसित नहीं हो पाई है।
3. निम्न जनघनत्व के क्षेत्र: इस वर्ग में भारत के वे क्षेत्र सम्मिलित हैं जिनमें जनघनत्व 300 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से कम रहता है। पश्चिमी राजस्थान में मरुस्थलीय जलवायु के कारण तथा उत्तरी-पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में पर्वतीय धरातल के कारण जनसंख्या का कम घनत्व भिलुता हैंजबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा राज्यों के पैठारी व जनजातीय क्षेत्रों एवं कर्नाटक राज्य के पूर्वी भागों तथा आन्ध्र प्रदेश के मध्यवर्ती भागों में धरातलीय अवरोधों के कारण कृषि का विकास नहीं हो पाया है जो इन क्षेत्रों में विरल जनघनत्व के लिए उत्तरदायी है। भारत में मिलने वाले जनसंख्या घनत्व के इस स्वरूप को अग्र रेखा मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है –