निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।
आकाशगंगा तारों का महापरिवार है। शायद नदी की धारा की तरह दिखाई पड़ने के कारण ही इसका नाम आकाशगंगा पड़ा होगा। आकाश में कई आकाशगंगा हैं, लेकिन पृथ्वी से केवल एक ही आकाशगंगा दिखाई पड़ती है, जिसका नाम 'स्पाइरल गैलेक्सी' है। हमारी आकाशगंगा पहिए की आकृति वाली है, जिसके केन्द्र में तारक मछली की भाँति भुजाएँ निकलती। प्रतीत होती हैं। आकाशगंगा में लगभग 20 अरंच तारे हैं। उनमें तो अनेक तारे सूर्य ग्रह से कई गुना बड़े हैं। पृथ्वी से समतल पट्टी जैसी दिखने वाली इस आकाशगंगा को ऊपर या ठीक नीचे देखा जाए तो यह बीच में उभार लिए प्लेट की तरह दिखेगी। इस आकाशगंगा के केन्द्र में तारों का भारी जमघट है।
(i) आकाशगंगा नाम क्यों पड़ा ?
(ii) पृथ्वी से कितनी आकाशगंगा दिखलाई पड़ती है ? उसका नाम क्या है ?
(iii) आकाशगंगा में कितने तारे हैं ?
(iv) आकाशगंगा के केंन्द्र में किसका जमघट है ?
(v) सूर्य क्या है ?