मेरा प्रिय खेल क्रिकेट
(i) प्रस्तावना - खेल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। ये हमें न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रफुल्लित करते हैं। विभिन्न खेलों में से मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है। यह खेल न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी खास पहचान रखता है। बचपन से ही मुझे क्रिकेट देखने और खेलने में आनंद मिलता है।
(ii) क्रिकेट का प्रारंभ - क्रिकेट का जन्म 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड में हुआ था। ध औरे-धीरे यह खेल ब्रिटिश उपनिवेशों में फैल गया। भारत में क्रिकेट का आगमन ब्रिटिश राज के दौरान हुआ और आज यह यहां सबसे लोकप्रिय खेल है। भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने कई विश्व कप जीतकर इस खेल को और भी लोकप्रिय बनाया।
(iii) खेल के सामान्य नियम - क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो 11-11 खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच खेला जाता है। इसमें एक गेंदबाज, एक बल्लेबाज और फील्डर्स होते हैं। बल्लेबाज को रन बनाने होते हैं, और गेंदबाज व फील्डर्स को बल्लेबाज को आउट करने का प्रयास करना होता है। खेल के तीन मुख्य प्रारूप हैं: टेस्ट मैच, एक दिवसीय मैच, और टी-20। प्रत्येक प्रारूप का अपना अलग रोमांच है।
(iv) प्रिय होने का कारण - क्रिकेट मुझे इसलिए प्रिय है क्योंकि यह खेल रोमांच, रणनीति और कौशल का अद्भुत मिश्रण है। बल्लेबाजी के दौरान छक्के और चौके लगाना या गेंदबाजी में विकेट चटकाना मुझे रोमांचित करता है। इसके अलावा, जब भारतीय टीम जीतती है, तो देश में जो उत्साह और जश्न का माहौल बनता है, वह मुझे इस खेल के प्रति और अधिक आकर्षित करता है। मैं सचिन तेंदुलकर, एम.एस. धोनी, और विराट कोहली जैसे महान खिलाड़ियों से प्रेरित हूँ।
(v) निष्कर्ष - क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो लोगों को जोड़ता है और देश के लिए गर्व का कारण बनता है। यह खेल जमंउवता और चवतजेउंदीपच सिखाता है। चाहे देखने का अनुभव हो या खखेलने का, क्रिकेट हर बार नई ऊर्जा और उत्साह से भर देता है। इसलिए, क्रिकेट हमेशा मेरा प्रिय खेल रहेगा