सांख्यिकीय श्रेणियाँ (Statistical Series)
संकलिन आँकड़ों को जब एक निश्चित क्रम में लिखा जाता है तो इस भाँति बनी हुई पदमाला या श्रृंखला को सांख्यिकीय श्रेणी (Statistical Series) कहा जाता है। सांख्यिकीय श्रेणी में हम आँकड़ों को एक क्रमबद्ध ढंग से प्रदर्शित करते हैं। कॉनर (Conner) ने सांख्यिकीय श्रेणी की परिभाषा इस प्रकार दी है, “जब दो चल-राशियों के मूल्यों को साथ-साथ इस भाँति व्यवस्थित किया जाए कि एक का मापनीय अन्तरे दूसरे के मापनीय अन्तर का सहगामी हो तो इस प्रकार से प्राप्त पदमाला को सांख्यिकीय श्रेणी कहते हैं।”
सांख्यिकीय श्रेणियों के प्रकार (Types of Statistical Series)
सांख्यिकीय श्रेणियाँ कई प्रकार की होती हैं। मुख्यतः सांख्यिकीय श्रेणियों की रचना तीन प्रकार से की जा सकती है –
⦁ व्यक्तिगत श्रेणी
⦁ असतत या खण्डित या विच्छिन्न श्रेणी
⦁ सतत् या अखण्डित या अविच्छिन्न श्रेणी।
(1) व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series) – व्यक्तिगत श्रेणी वह है जिसमें समूह की प्रत्येक इकाई का मान अलग-अलग दिया जाता है। इस श्रेणी में प्रत्येक पद स्वतन्त्र होता है। व्यक्तिगत श्रेणी का निर्माण उस समय किया जाता है कि जब संकलित आँकड़ों से समूह अथवा वर्ग बनाने सम्भव न हों अथवा हर एक पद को महत्त्व देना हो। इन श्रेणियों की रचना आरोही (Ascending) तथा अवरोही (Descending) दोनों ही क्रमों में की जा सकती है। उदाहरण के लिए निम्नलिखित तालिका में कक्षा XI के दस छात्रों के मनोविज्ञान में प्राप्तांक आरोही तथा अवरोही क्रम में प्रस्तुत किये गये हैं –


(2) असतत या खण्डित या विच्छिन्न श्रेणी (Discrete or Discontinuous Series) – जिस श्रेणी में प्रत्येक मान अलग-अलग नहीं लिखा जाता, अपितु प्रत्येक मान के समक्ष उसकी आवृत्ति लिख दी जाती है, उसे असतत/खण्डित या विच्छिन्न श्रेणी कहा जाता है। यह श्रेणी वास्तविक अन्तर को प्रकट करती है। उदाहरण के लिए—कक्षा XI के 20 छात्रों के मनोविज्ञान में प्राप्तांक निम्नलिखित हैं –

(3) सतत या अखण्डित या अविच्छिन्न श्रेणी (Continuous Series) – सतत श्रेणी में इकाइयों के मानों को वर्गान्तरों (Class-intervals) के रूप में व्यवस्थित किया जाता है। इस प्रकार की श्रेणी में ऐसे मान आते हैं जिनका सूक्ष्म विभाजन सम्भव है; जैसे—समय को घण्टा-मिनट-सेकण्ड आदि में विभाजित किया जा सकता है। बुद्धि, भार, ऊँचाई व लम्बाई आदि को भी सरलता से मापा और उपविभाजित किया जा सकता है। मनोविज्ञान में जिन चल-राशियों का अध्ययन किया जाता है, वे अधिकतर इसी श्रेणी के अन्तर्गत आती हैं। कक्ष X के 100 छात्रों के मनोविज्ञान के प्राप्तांकों का विवरण निम्नलिखित है –

श्रेणियों की रचना में निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है –
(i) व्यक्तिगत श्रेणी वस्तुतः असतत या खण्डित श्रेणी का एक विशिष्ट रूप है। यदि असतत श्रेणी में प्रत्येक प्राप्तांक की आवृत्ति 1 हो तो वह व्यक्तिगत श्रेणी का रूप धारण कर लेती है।
(ii) यदि सतत श्रेणी में प्रत्येक वर्गान्तर के मध्य बिन्दु पर उनकी सम्पूर्ण आवृत्तियाँ केन्द्रित मान ली जाये तो यह श्रेणी असतत या खण्डित श्रेणी का रूप धारण कर लेती है।