व्यक्तिगत स्वतंत्रता – इसे निजी स्वतंत्रता भी कहते हैं। व्यक्तिगत स्वतंत्रता से आशय यह है कि मनुष्य को अपने जीवन के कार्यों में स्वतंत्रता होनी चाहिए। इस स्वतंत्रता के अन्तर्गत व्यक्ति के व्यक्तिगत कार्यों पर केवल समाज हित में ही प्रतिबन्ध लगाए जा सकते हैं। लोकतांत्रिक देशों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का बहुत अधिक महत्व है। वहाँ के नागरिकों को अपनी पसंद, विचार, अभिव्यक्ति और मूल्यों के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता होती है।
वेशभूषा, खान-पान, रहन-सहन, परिवार और धर्म आदि क्षेत्रों में व्यक्ति को पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए। सामाजिक कुरीतियों को रोकने, समाज सुधार करने, सामाजिक शान्ति एवं व्यवस्था को बनाए रखने तथा समाज में सौहार्द के वातावरण को बनाए रखने के लिए राज्य द्वारा व्यक्तियों की स्वतंत्रताओं पर समुचित प्रतिबन्ध लगाए जा सकते हैं।