सीमेण्ट उद्योग ऐसा उद्योग है, जिसमें भारी कच्चे माल का उपयोग होता है। चूने का पत्थर, जिप्सम, कोयला आदि उद्योग में प्रयुक्त कच्चे माल हैं। अतएव अधिकांश सीमेण्ट के कारखाने कच्चे माल के स्रोतों के निकट लगाये जाते हैं।
इसके अलवा सीमेण्ट उद्योग के लिए निम्नलिखित स्थानीयकरण कारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है –
- परिवहन एवं यातायात की सुविधा।
- शक्ति स्रोतों की निकटता।
- बाजार की सुविधा।
- सस्ते एवं कुशल श्रमिकों की प्राप्ति।
- पूँजी की व्यवस्था।
- स्वच्छ जल की प्राप्ति।
- वित्तीय एवं बैंकिग सुविधाएँ।
- सरकारी प्रोत्साहन आदि।
