'तीसरा सप्तक' के प्रमख कवियों में अपना नाम दर्ज कराने वाले कवि कँवर नारायण का जन्म 19 सितम्बर, सन् 1927 को फैजाबाद (उ.प्र.) में हुआ था। अंग्रेजी में एम.ए. करने के पश्चात् इन्होंने कई देशों की यात्राएँ की। भाषा और विषय की विविधता इनकी कविताओं के विशेष गुण माने जाते हैं। इनकी रचनाओं में यथार्थ का खुरदरापन भी मिलता है और सहज सौंदर्य भी।
'चक्रव्यूह', 'परिवेश', 'हम तुम', 'अपने सामने', 'कोई दूसरा नहीं', 'इन दिनों' (काव्य-संग्रह); 'आत्मजयी' (प्रबंध काव्य); 'आकारों के आस-पास' (कहानी-संग्रह); 'आज और आज से पहले' (समीक्षा); 'मेरे साक्षात्कार.' (सामान्य) आदि। व्यास सम्मान, लोहिया सम्मान, प्रेमचंद तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार तथा कबीर सम्मान जैसे अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित कवि का जीवन सदैव सृजन-कर्म में लगा रहा।