कुँवर नारायण :
कवि परिचय - आधुनिक हिन्दी कविता में नागर संवेदना को अभिव्यक्ति देने वालों में कुँवर नारायण का विशिष्ट स्थान है। इनका जन्म सन् 1927 में फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त कर इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए. किया। यायावरी प्रवृत्ति के कारण इन्होंने पोलैण्ड, रूस, चीन आदि देशों की यात्रा कर अनेक अनुभव प्राप्त किये। सन् 1950 ई. के आसपास इन्होंने काव्य-लेखन प्रारम्भ किया तथा लम्बे समय तक 'युग चेतना' पत्रिका से जुड़े रहे।
कुँवर नारायण के चार काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं-चक्रव्यूह, परिवेश : हम तुम, अपने सामने कोई दूसरा नहीं और इन दिनों। नचिकेता की पौराणिक कथा पर इन्होंने 'आत्मजयी प्रबन्ध-काव्य की रचना की। 'आकारों के आसपास' इनका कहानी-संग्रह तथा 'आज और आज से पहले इनका समीक्षा-ग्रन्थ है।
कुँवर नारायण की कविता में व्यर्थ का उलझाव, अखबारी सतहीपन और वैचारिक धुन्ध के बजाय संयम, परिष्कार और साफ-सुथरापन है। भाषा और विषय की विविधता इनकी कविताओं के विशेष गुण माने जाते हैं। इनमें यथार्थ का खुरदरापन तथा भावगत सहज सौन्दर्य भी विद्यमान है। इस कारण इनकी रचनाएँ बहुआयामी हैं, विचार-पक्ष से समन्वित हैं। इनका शिल्प-सौन्दर्य बिम्ब, प्रतीक, अलंकार आदि से मण्डित है।
कविता-परिचय - पाठ में कुँवर नारायण की दो कविताएँ संकलित हैं। 'इन दिनों' काव्य-संग्रह से संकलित कविता 'कविता के बहाने' में बताया गया है कि आज यान्त्रिकता के दबाव के कारण कविता का अस्तित्व मिट सकता है। ऐसे में प्रस्तुत कविता कविता-लेखन की अपार सम्भावनाओं को समझने का अवसर देती है। कवि का मानना है कि यह ऐसी यात्रा का वर्णन है जो चिड़िया, फूल से लेकर बच्चे तक की यात्रा है।
ये तीनों अपने-आप में सुन्दर होते हुए सीमाबद्ध हैं जबकि कविता का क्षेत्र असीम है। रचनात्मक ऊर्जा होने से कविता में सीमाओं के बन्धन स्वयं टूट जाते हैं। अतः कविता का क्षेत्र अतीव व्यापक है। दूसरी कविता 'बात सीधी थी पर' शीर्षक से संकलित है। इस कविता में कथ्य और माध्यम के द्वन्द्व को उकेरते हुए शब्दों में कहने का प्रयास करना चाहिए। भाषा के फेर में पड़ने से बात स्पष्ट नहीं हो पाती है, कविता में जटिलता बढ़ जाती है तथा अभिव्यक्ति में उलझाव आ जाता है। अतएव अच्छी बात अथवा अच्छी कविता के लिए शब्दों का चयन या भाषागत प्रयोग सहज होना नितान्त अपेक्षित है। तभी हम कविता के द्वारा सीधी बात कह सकते हैं।